राष्ट्रगीत– वंदे मातरम्
1. बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ के पात्र इस गीत को गाते थे। यह उपन्यास 1882 में प्रकाशित हुआ।
2. इसे 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगीत के रूप में संविधान सभा ने स्वीकारा।
3. मूल रूप से इसके पंच पद है,मात्र एक पद राष्ट्रगीत के लिए स्वीकारा गया।
4. राष्ट्र गीत वंदे मातरम् को राष्ट्रगान जन–गण–मन के समकक्ष सम्मान दिया जाता है।
5. पहली बार 1896 में कांग्रेस अधिवेशन जो कोलकाता में हुआ था,राजनीतिक मंच से कविवर रवींद्रनाथ टैगोर और कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रहमतुल्ला सयानी ने मिलकर गया था।
6. वंदे मातरम का अंग्रेज़ी अनुवाद श्री अरविंदो घोष ने किया था।
7. किसी कार्यक्रम में जब राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के गायन की व्यवस्था होती है तो कार्यक्रम के प्रारंभ में वंदे मातरम् तथा समापन पर राष्ट्रगान गया जाता है।
8. राष्ट्रगीत के गायन की कोई निश्चित धुन या समय सीमा निर्धारित नहीं है। इसे हम अपने अंदाज में गा सकते हैं।
9. वैसे तो आनंद मठ उपन्यास से पहले 1880 में बंकिम चंद जी ने लिख लिया था। दो वर्ष बाद यानि 1882 में उपन्यास में शामिल वंदे मातरम् स्वतंत्रता आंदोलन का यह लोकप्रिय नारा बना।
राष्ट्रगीत– वंदे मातरम्
24 जनवरी 1950 को अंगीकृत पद
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम
शस्य श्यामलम मातरम् वंदे मातरम शुभ्र ज्योत्सना, पुलकित यामिनीम् फूल्ल कुसुमित, द्रुमदल शोभनीम् सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
हिंदी अनुवाद (जो अंग्रेजी से किया गया) इस प्रकार है
” मैं आपको प्रणाम करता हूं मां! बहुल जल से युक्त फलों से भरपूर दक्षिण की मलयज वायु से शीतल उपजों की फसल से श्यामल, हे मां जिसकी रात्रि चंद्रमा के प्रकाश से उल्लासित है, जिसकी भूमि फूलों से लदे वृक्षों के, वस्त्रों से सुशोभित है, जिसकी हंसी मीठी है,जिसके वचन मीठे हैं, सुख देने वाली, वर देने वाली हे मां तुझे प्रणामI
एक और हिंदी रूपांतरण
वंदे मातरम् (सेंटर में लायें)
मैं अपनी मातृभूमि को प्रणाम करता हूं,पानी और फलों की धनी है मेरी मातृभूमि,
दक्षिण से ठंडी हवाएं चलती हैं लहलहाती फसलों से भरी है यहां की धरती, यहां की रातें चांदनी से चमकती हैं, यहां की भूमि हरे–भरे पेड़ों और खूबसूरत फलों, प्यारी सी हंसी और मधुर आवाज से सजी है, मेरी मातृभूमि को सुख और वरदान दो।
(बाल भास्कर से साभार)
उर्दू रूपांतरण (अज्ञात)
ऐ मादरे वतन तुझे सलाम, तुझे सलाम,
चांदनी की रौशनी से जहां रात चहकती हो,फूलों दरख़्तों की कतारों से जो चमन खिला हो, ज़ुबाने जहां तरन्नुम ही तरन्नुम हो, सर्द मरमरी हवा, जहां सेहतमंद पानी का अंबार हो, अमनों चैन बख्शने वाले वतन, तुझे सलाम,
ऐ मादरे वतन तुझे सलाम, तुझे सलाम
राष्ट्रगीत– वंदे मातरम – मूल 5 पद
वंदे मातरम् ! वंदे मातरम्
(1)
सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम
शस्य श्यामलम् मातरम्! वंदे मातरम्
शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनीम्
फूल्ल कुसुमित, द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां
मातरम् – वंदे मातरम्
(2)
सप्त कोटि कंठ कलकल निनाद कराले
द्विसप्ता कोटि भुजैद्यृत खरकर वाले
के बोले मां तुमि अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदल वारिणीम् !
मातरम्– वंदे मातरम्
(3)
तुमि विद्या तुमि धर्म,तुमि हृदि,
तुमि मर्म,त्वं ही प्राण: शरीरे !
बाहु ते तुमि, मां शक्ति
हृदय तुमि मां भक्ति
तोमारी प्रतिमा गडि मंदिरे मंदिरे!
मातरम्– वंदे मातरम्
(4)
त्वं हि दुर्गा दश प्रहरण धारिणी कमला,
कमल दल विहारिणी वाणी,
विद्यादायिनी नमामि त्वाम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
( 5)
नमामि कमलाय अमलाम अतुलाम्
सुजलाम् सरलाम् सुष्मिताम्
भूषिताम् धारिणीम् भरणीम्!
मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
English Virson
National Song – Vande Matram
(The English Translation of Stanza rendered by Shri Arvindo Ghos)
(1)
I bow to Thee, Mother,
richly-watered, richly-fruited,
Cool with the winds of the South,
dark with the Corp of the harvests,
The Mother!
Her nights rejoicing in the glory of the Moonlight,
Her lands clothed beautifully with her trees in flowering bloom,
Sweet of laugher Sweet of Speech,
The Mother, given of boons, given of bliss
(2)
I salute you, Mother,
Who is terrible with the tumult of Seven Crores of throats,
who has Sharp Swords raised in twice Seven Corores of arms,
O Mother, Who calls you weak!
You possess the invincible strength of countless arms,
You help us to cross over to our goal
and you vanquish the forces of the enemy,
I Salute You, O Mother !
(3)
You are knowledge and you are Dharma,
You are the Heart and the Secret therein,
You are Surely the Life-force in the body,
You are the Strength in the arms,
You are the Devotion in the Heart,
O Mother, in every abode, there is an image of you.
(4)
Surely, You are Durga bearing ten weapons,
You are Kamla Sports on the petals of the Lotus,
You are Vani, the Goddess who bestows learning,
I Salute You
(5)
I Salute you, Mother, Who is Kamla, Goddess of Wealth,
Woh is without blemish, who is pleasantly,
who is well adorned, Who bears us and Protects Us
I Salute You, Mother.